बुधवार, 2 अप्रैल 2008

सच सच कहे फकीरा

नेकी कर के भूल जा ,कर न दान अभिमान
किए नाम की चाह में ,व्यर्थ इन्हें फ़िर जान 11

फ़िक्र फेंक दे कूप में ,होना हो सो होय 1
करता जो करतार है ,ठीक हमेशा होय 11

कृपा करी प्रभु सूर पर ,तुलसी करे सनाथ 1
मेरी कब सुध लेउगे ,ओ मेरे रघुनाथ 11

मेरा मेरा सब कहें ,तेरा कहे न कोय 1
जो सब कुछ तेरा कहे ,तू ख़ुद उसका होय 11

कृपा सद्गुरु की मिले ,बचे नहीं कुछ शेष 1
बंदे तू बन जाय ख़ुद ,ब्रम्हा विष्णु महेश 11

फ़िक्र सभी को खात है ,देत कलेजा चीर 1
जो ख़ुद फ़िक्र को खात है,उसका नाम फकीर ११

के.पी.सिंह ''फकीरा''
[अपर जिला न्यायाधीश ]
एन -16 , अमलतास कालोनी .ग्वालियर [म.प्र]